मेरे मसीहा मेरे ख़ुदा | Lyrics
मैं घटता जाऊं तू बढ़ता जा
मेरे मसीहा मेरे ख़ुदा ….
1. तू आसमान से हाथ बढ़ा दे
कदमों में अपने मुझको जगह दे ….
2 . मैं खटखटाऊ तू खोले जा
मेरे मसीहा मेरे ख़ुदा …..
3. मैं तुझसे मांगू तू देता जा
मेरी रुह प्यासी तू प्यास बुझा…..
4. शहद से मीठी बातें है तेरी
रौशन करती रातें है मेरी ….
5. मैं सुनता जाऊं, तू बोले जा
मेरे मसीहा मेरे ख़ुदा ….