तारीफ यहोवा की
करो ऊँची आवाज़ के साथ …..2
फतह के मारो नारे
हाथों को उठा के आज ……2
तारीफ यहोवा की…..
1. तूफान से हमको न डरना है
रूह की मामूरी में बढ़ना है ……2
चाहे हो तपते सहरा,
चाहे हो आंधियां ……2
फतह के मारो ….
तारीफ यहोवा की…..
2. भटकों को रस्ते पे लाना है
पैगाम-ए-अंजील सुनाना है ……2
देती राहत दिल को
इसमें लिखी हर बात ……2
फतह के मारो….
तारीफ यहोवा की…..
3. धुल जाएं उसके लहू से हम
होगा न दुनियां का कोई गम ……2
रूह से परस्तिश करना,
देता है दीवारें डाह …….2
फतह के मारो….
तारीफ यहोवा की…..